जानिए Rudraksha के बारे में खास जानकारी और रुद्राक्ष के प्रकार
Rudraksha को रूद्र + अक्ष कहा जाता है, ये दिव्य बीज 1-21 मुखी तक होता है, जानते हैं रुद्राक्ष पहनने के फायदे और रुद्राक्ष के प्रकार |
Rudraksha जिसे भगवान शिव के अश्रु से उत्पन्न कहा जाता है, एक दिव्य और पवित्र बीज है जिसे माला के रूप में बनाया और पहना जाता है| रुद्राक्ष प्राकृतिक रूप से मिलने वाला बीज है जो कई धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है। यहां हम Rudraksha के बारे में कुछ महत्वपूर्ण और खास जानकारियाँ प्रस्तुत कर रहे हैं।
रुद्राक्ष का महत्व
रुद्राक्ष का नाम संस्कृत के ‘रुद्र’ और ‘अक्ष’ शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘भगवान शिव के अश्रु’। हिंदू धर्म में इसे अत्यधिक पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है। इसे पहनने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है।
रुद्राक्ष के प्रकार
Rudraksha के विभिन्न प्रकार होते हैं, जो मुख (फेस) के आधार पर पहचाने जाते हैं। यह मुख 1 से 21 तक हो सकते हैं, जिनमें से 1 मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष सबसे सामान्य और प्रचलित हैं। प्रत्येक मुख का अपना विशेष महत्व और लाभ होता है। जैसे, 1 मुखी रुद्राक्ष को आत्म-साक्षात्कार और 5 मुखी रुद्राक्ष को स्वास्थ्य और शांति के लिए लाभकारी माना जाता है। रुद्राक्ष को शिव से लेकर शनि तक की पूजा में प्रयोग किया जाता है |
Rudraksha के लाभ
- मानसिक शांति: रुद्राक्ष पहनने से मन शांत रहता है और तनाव कम होता है।
- स्वास्थ्य: इसे पहनने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं में राहत मिलती है।
- आध्यात्मिक विकास: यह ध्यान और योगाभ्यास में सहायक होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: रुद्राक्ष से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मकता बढ़ती है।
Rudraksha पहनने के नियम
रुद्राक्ष को पवित्र मानते हुए इसे पहनने के लिए कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है:
- इसे सोमवार या किसी शुभ मुहूर्त में ही धारण करें।
- धारण करने से पहले इसे गंगाजल या दूध में भिगोकर शुद्ध करें।
- रुद्राक्ष को हमेशा स्वच्छ और पवित्र स्थान पर रखें।
1-21 मुखी Rudraksha
रुद्राक्ष विभिन्न मुखों में उपलब्ध होता है, उसमें पायी जाने वाली लाइन की संख्या के अनुसार रुद्राक्ष को अमुक मुखी रुद्राक्ष बोलते हैं | प्रत्येक मुखी रुद्राक्ष का अपना विशिष्ट महत्व और लाभ होता है। यहां हम 1 से 21 मुखी रुद्राक्ष के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
1 मुखी रुद्राक्ष
1 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। इसे धारण करने से आत्म-साक्षात्कार, मानसिक शांति और ध्यान की गहनता प्राप्त होती है। यह मानसिक एकाग्रता बढ़ाने और आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
2 मुखी रुद्राक्ष
2 मुखी रुद्राक्ष को शिव-पार्वती का स्वरूप माना जाता है। यह दांपत्य जीवन में प्रेम और सामंजस्य लाता है। इसे धारण करने से संबंधों में मधुरता और स्थायित्व आता है।
3 मुखी रुद्राक्ष
3 मुखी रुद्राक्ष त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) का प्रतीक होता है। यह शारीरिक और मानसिक संतुलन प्रदान करता है। इसे धारण करने से ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
4 मुखी रुद्राक्ष
4 मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा का स्वरूप होता है। यह बुद्धि और ज्ञान को बढ़ाने में सहायक होता है। इसे धारण करने से स्मरण शक्ति में सुधार होता है और मानसिक स्पष्टता आती है।
5 मुखी रुद्राक्ष
5 मुखी रुद्राक्ष को कालाग्नि रुद्र का रूप माना जाता है। यह स्वास्थ्य और शांति के लिए लाभकारी होता है। इसे धारण करने से हृदय रोग और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
6 मुखी रुद्राक्ष
6 मुखी रुद्राक्ष कार्तिकेय का प्रतीक होता है। यह साहस, आत्मविश्वास और दीर्घायु को बढ़ाता है। इसे धारण करने से शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।
7 मुखी रुद्राक्ष
7 मुखी रुद्राक्ष लक्ष्मी का प्रतीक होता है। यह धन और समृद्धि प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे धारण करने से आर्थिक स्थिरता और समृद्धि आती है।
8 मुखी रुद्राक्ष
8 मुखी रुद्राक्ष गणेश का प्रतीक होता है। यह बाधाओं को दूर करने और सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। इसे धारण करने से बुद्धि और एकाग्रता बढ़ती है।
9 मुखी रुद्राक्ष
9 मुखी रुद्राक्ष दुर्गा का प्रतीक होता है। यह साहस, शक्ति और सुरक्षा प्रदान करता है। इसे धारण करने से डर और नकारात्मकता दूर होती है।
10 मुखी रुद्राक्ष
10 मुखी रुद्राक्ष विष्णु का प्रतीक होता है। यह सभी प्रकार के नकारात्मक प्रभावों से रक्षा करता है। इसे धारण करने से मानसिक शांति और सुरक्षा मिलती है।
11 मुखी रुद्राक्ष
11 मुखी रुद्राक्ष हनुमान का प्रतीक होता है। यह साहस, शक्ति और साहसिकता को बढ़ाता है। इसे धारण करने से शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है।
12 मुखी रुद्राक्ष
12 मुखी रुद्राक्ष सूर्य का प्रतीक होता है। यह स्वास्थ्य, ऊर्जा और सफलता प्रदान करता है। इसे धारण करने से आत्मविश्वास और नेतृत्व की क्षमता बढ़ती है।
13 मुखी रुद्राक्ष
13 मुखी रुद्राक्ष कामदेव का प्रतीक होता है। यह आकर्षण, प्रेम और संबंधों में सामंजस्य लाता है। इसे धारण करने से व्यक्तित्व में आकर्षण बढ़ता है।
14 मुखी रुद्राक्ष
14 मुखी रुद्राक्ष हनुमान का प्रतीक होता है। यह साहस, आत्मविश्वास और मानसिक संतुलन प्रदान करता है। इसे धारण करने से निडरता और आत्म-साक्षात्कार में वृद्धि होती है।
15 मुखी रुद्राक्ष
15 मुखी रुद्राक्ष पाशुपति का प्रतीक होता है। यह सभी प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने में सहायक होता है। इसे धारण करने से शांति और संतुष्टि मिलती है।
16 मुखी रुद्राक्ष
16 मुखी रुद्राक्ष राम का प्रतीक होता है। यह जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। इसे धारण करने से जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा मिलती है।
17 मुखी रुद्राक्ष
17 मुखी रुद्राक्ष विष्कर्मा का प्रतीक होता है। यह सृजनात्मकता, कला और विज्ञान में उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे धारण करने से मानसिक और सृजनात्मक शक्ति बढ़ती है।
18 मुखी रुद्राक्ष
18 मुखी रुद्राक्ष भूमि देवी का प्रतीक होता है। यह स्थायित्व, शांति और समृद्धि प्रदान करता है। इसे धारण करने से जीवन में संतुलन और स्थायित्व आता है।
19 मुखी रुद्राक्ष
19 मुखी रुद्राक्ष नारायण का प्रतीक होता है। यह जीवन में सभी प्रकार की सफलताओं को प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे धारण करने से सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है।
20 मुखी रुद्राक्ष
20 मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मा का प्रतीक होता है। यह उच्च ज्ञान, सृजनात्मकता और उत्कृष्टता प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे धारण करने से बुद्धि और सृजनात्मकता बढ़ती है।
21 मुखी रुद्राक्ष
21 मुखी रुद्राक्ष कुबेर का प्रतीक होता है। यह धन, समृद्धि और सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है। इसे धारण करने से आर्थिक स्थिरता और समृद्धि बढ़ती है।
निष्कर्ष
Rudraksha एक दिव्य और पवित्र बीज है जिसकी माला बनाकर हाथ, और गले में पहना जाता है| ऐसा करना न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके अनेक स्वास्थ्य और मानसिक लाभ भी हैं। सही जानकारी और विधि से रुद्राक्ष को धारण कर, आप इसके सकारात्मक प्रभावों का अनुभव कर सकते हैं। आप रुद्राक्ष धारण करने से पहले किसी विद्वान् से सलाह ले सकते हैं|
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